कैरेबियाई बल्लेबाज क्रिस गेल की मुश्किलें कम नहीं
क्रिकेट, खेल, ताजा खबरें 9:18 am
एंटीगा। अपनी तल्ख टिप्पणियों के लिए वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड (डब्ल्यूआईसीबी) के निशाने पर आये तूफानी कैरेबियाई बल्लेबाज क्रिस गेल की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं और भारत के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में भी उन्हें चुने जाने की क्षीण संभावनाओं के कारण उनके अंतर्राष्ट्रीय जीवन पर पूर्णविराम लगने की आशंकाएं प्रबल होती जा रही हैं।
गेल और डब्ल्यूआईसीबी के बीच बुधवार की रात बैठक में गर्मागर्म बहस हुई थी। इस संबंध में दोनों खेमे अपने अपने हिसाब से दावे कर रहे हैं, लेकिन बैठक में मौजूद सूत्रों की मानें तो राष्ट्रीय टीम में गेल की वापसी लगभग नामुमकिन हो गयी है। बोर्ड के एक अधिकारी ने इस बैठक के बाद एक खेल वेबसाइट से कहा कि गेल का भी वही हश्र हो सकता है जो ऑस्ट्रेलियाई हरफनमौला एंड्रयू सायमंड्स का हुआ था।
सायमंड्स ने कुछ वर्षों पहले खुद को फ्रीलांसर घोषित कर दिया था जिसके बाद उन्हें राष्ट्रीय टीम में नहीं चुना गया और वे क्लबों के लिए खेलते रहे हैं। गेल के करीबियों का कहना है कि बोर्ड ने बैठक में जो बेरूखा रवैया दिखाया है, उससे स्पष्ट है कि बोर्ड गेल का जीवन समाप्त करना चाहता है और तब तक समझौते के मूड में नहीं है जब तक कि गेल रेडियो चैनल को दिये अपने साक्षात्कार में कही बातों से मुकर नहीं जाते हैं।
लगभग तीन घंटे चली बैठक में गेल तथा उनकी ओर से वेस्टइंडीज खिलाडी संघ (डब्ल्यूआईपीए) के अध्यक्ष दीनानाथ रामनारायण, उपाध्यक्ष वावेल हिंड्स, डब्ल्यूआईसीबी की ओर से मुख्य कार्यकारी अधिकारी अर्नेस्ट हिलेयर, कोच ओटिस गिब्सन, टीम मैनेजर रिची रिचर्डसन और क्रिकेट निदेशक टोनी हावर्ड मौजूद थे। दोनों पक्षों के बीच आरोपों-प्रत्यारोपों का आलम यह था कि बोर्ड खेमे के आरोपों के अनुसार रामनारायण ने तो हिलेयर पर प्रहार के लिए कुर्सी तक उठा ली।
डब्ल्यूआईपीए ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा है कि दोनों पक्षों में जुबानी कहा सुनी हुई और रामनारायण अपनी कुर्सी छोड़ खड़े भी हुए, लेकिन उनका इरादा प्रहार करने का बिल्कुल नहीं था और न ही उन्होंने कुर्सी उठायी। डब्ल्यूआईपीए के अनुसार बैठक की समाप्ति तक कोई निर्णय नहीं लिया गया और हिलेयर ने कहा कि किसी भी कार्रवाई से पहले वह डब्ल्यूआईसीबी के प्रबंधन से परामर्श करेंगे। न ही दोनों पक्षों के बीच कोई और बैठक तय की गयी है।
डब्ल्यूआईसीबी की बैठक शुक्रवार को किंग्सटन में होनी है। वहां गेल के मुद्दे पर कोई ठोस निर्णय लिया जा सकता है। बोर्ड चाहता है कि गेल रेडियो पर साक्षात्कार में दिये अपने बयानों का खंडन करें। गेल ने आरोप लगाया था कि बोर्ड ने चोट के दौरान उनका पूरा ख्याल नहीं रखा और अक्टूबर 2010 में उनके अनुबंध में छेड़छाड़ की कोशिश की।
गेल ने साथ ही आरोप लगाया था कि कोच ओटिस गिब्सन के कारण ही अनुभवी बल्लेबाज रामनरेश सरवन का आत्मविश्वास डगमगाया था।
Posted by राजबीर सिंह
at 9:18 am.