निलंबित आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट ने मोदी को लिखी खुली चिट्ठी
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भट्ट ने इस खत में मोदी को बड़े भाई के तौर पर संबोधित करते हुए लिखा है कि जकिया जाफरी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उन्होंने गलत मतलब निकाला है और छह करोड़ गुजरातियों को गुमराह किया है.
भट्ट ने मोदी के सद्भभावना उपवास पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि जब तक 2002 के दंगा पीड़ितों को न्याय नहीं मिलेगा, राज्य में सद्भावना नहीं आएगी.
उल्लेखनीय है कि गुलबर्ग सोसायटी दंगा मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मोदी ने तीन दिन के उपवास की घोषणा की है.
गौरतलब है कि 12 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने 2002 में गोधरा कांड के बाद भड़के दंगों को रोकने के लिए कथित तौर पर मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कार्रवाई नहीं किए जाने पर फैसला सुनाने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी को अपनी रिपोर्ट निचली अदालत को देने को कहा है. कोर्ट ने दंगों के मामलों में जांच कर रहे एसआईटी को उसकी अंतिम रिपोर्ट मजिस्ट्रेट के समक्ष दाखिल करने को कहा.
मजिस्ट्रेट से कहा गया है कि मोदी और वरिष्ठ अधिकारियों समेत 63 लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने या नहीं करने का फैसला करें. साथ ही पीठ ने साफ किया कि उसे दंगों के मामले में आगे निगरानी रखने की जरूरत नहीं है.
अदालत ने ये फैसला जाकिया की याचिका पर सुनाया था. जाकिया ने आरोप लगाया था कि मोदी और सरकार के 62 आला अधिकारियों ने जानबूझकर प्रदेश में भड़के दंगों को रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की.
कोर्ट के इस फैसले के बाद मोदी ने ट्वीट किया था- गॉड इज़ ग्रेट.