बॉलीवुड के लिए राहत से भरा है विकीलीक्स का ताज़ा खुलासा

विकीलीक्स के खुलासे हर रोज़ ही कोई न कोई सनसनी पैदा कर रहे हैं.

लेकिन विकीलीक्स का ताज़ा खुलासा बॉलीवुड के लिए राहत से भरा है. हिंदी सिनेमा के बारे में अमेरिकी राय को उजागर करते हुए वेबसाइट ने कहा है कि बॉलीवुड के लोग अमेरिका के वीजा का आमतौर पर बेजा इस्तेमाल नहीं करते.

विकीलीक्स के मुताबिक मुंबई स्थित अमेरिका के महावाणिज्य दूतावास की ओर से 14 दिसंबर, 2009 को अमेरिकी विदेश विभाग को भेजे गए केबल संदेश में हिंदी सिनेमा के बारे में राय दी गई थी.

इससें कहा गया, ‘‘भारत की प्रमुख फिल्म निर्माण कंपनियों ने अमेरिका के विभिन्न स्थानों पर काम किया, लेकिन कहीं भी ऐसा सबूत नहीं मिला कि उनकी ओर से वीजा से संबंधित कोई जालसाजी की गई. ज्यादातर मनोरंजन कंपनियां अमेरिकी वीजा का बेजा इस्तेमाल नहीं करती हैं.’’

गहन जांच हुई
हिंदी सिनेमा से जुड़े लोग अपने काम के लिए अक्सर अमेरिका ‘ओ 1’ और ‘ओ 2’ वीजा के ज़रिए जाते हैं. अमेरिका महावाणिज्य दूतावास जालसाज़ी की आशंका को लेकर गई विस्तृत जांच के बाद इस नतीजे पर पहुंचा.

अमेरिकी महावाणिज्य दूतावास की इस जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि मुंबई में ‘ओ 2’ वीजा से जुड़े आवेदनों में करीब 88 फीसदी को स्वीकार कर लिया जाता है.

वीजा संबंधी पड़ताल के लिए ही अमेरिकी महावाणिज्य दूत के अधिकारी मुंबई को दो प्रमुख मनोरंजन कंपनियों के लोगों से मुलाकात की थी. इनमें करण जौहर की ‘धर्मा प्रोडक्शंस’ के सीईओ अपूर्व मेहता से भी बात की गई थी.

मुंबई में अमेरिकी अधिकारियों ने ‘माय नेम इज खान’ फिल्म के सेट का भी दौरा किया था. धर्मा की इस फिल्म में शाहरूख खान और काजोल ने मुख्य भूमिका निभाई थी.

Posted by राजबीर सिंह at 7:35 pm.
 

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