मेरे साथियों ने मेरे खिलाफ साजिश की : सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश

सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने टीम अन्ना के कुछ सदस्यों पर उनके खिलाफ 'साजिश’ करने का आरोप लगाया.

स्वामी ने कहा कि इसके कारण उन्होंने अपना रास्ता अलग करने का फैसला किया.

अग्निवेश ने कहा, 'उन्होंने क्यों सीडी ‘जिसमे कथित तौर पर उन्हें एक केंद्रीय मंत्री को यह कहते हुए दिखाया गया कि सरकार को हजारे से सख्ती से पेश आना चाहिए’ को रविवार को वितरित किया गया जबकि उनके पास यह तीन दिन पहले से था. इसे जारी किए जाने का समय भी बड़ा रोचक था. उन्होंने इसे अनशन खत्म होने के तुरंत बाद जारी किया.’

यह पूछे जाने पर कि इसके पीछे कौन था तो उन्होंने पलटकर कहा, 'मेरे साथियों ने मेरे खिलाफ साजिश की. मैंने उनका समर्थन किया लेकिन उन्होंने मेरे साथ विश्वासघात किया.इस आंदोलन से जुड़े लोग और कौन.’

'जानबूझकर’ विवादास्पद वीडियो का वितरण किए जाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि यह 'विद्वेषपूर्ण’ अभियान उनकी विश्वसनीयता को खत्म करने के लिए चलाया गया. उन्होंने कहा कि टीम अन्ना ने उनसे बात करना और उस विवादास्पद सीडी के बारे में पता लगाना भी महत्वपूर्ण नहीं समझा जिसमें कथित तौर पर वह एक केंद्रीय मंत्री से कह रहे हैं कि सरकार को हजारे के साथ सख्ती से पेश आना चाहिए.

अग्निवेश ने इससे पहले दावा किया था कि वह वीडियो फुटेज 'गढ़ा’ हुआ था और उन्हें बदनाम करने के लिए चलाए गए अभियान का हिस्सा था. उन्होंने केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल से बातचीत करने की बातों का खंडन किया.

अग्निवेश के बयानों पर टिप्पणी करने को कहे जाने पर टीम अन्ना के महत्वपूर्ण सदस्य अरविंद केजरीवाल ने कुछ भी नहीं कहा.

अग्निवेश ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है और 'अगर कोई मुझे दिखाए कि मैं कहां गलत हूं तो मैं अन्ना से माफी मांगूंगा.’ उन्होंने कहा, 'मेरे मन में उनके लिए काफी सम्मान है.’

वीडियो में अग्निवेश को एक मकान के भूतल से बाहर निकलकर फोन पर बातचीत करते दिखाया गया. वह दूसरी तरफ बात कर रहे व्यक्ति से कथित तौर पर कहते दिख रहे हैं कि सरकार को कोई भी बात नहीं माननी चाहिए और सख्ती से निपटना चाहिए क्योंकि जब भी सरकार कुछ भी मान रही है तो अपने रुख को वे और सख्त कर रहे हैं.

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने हजारे से अपना अनशन तोड़ने को कहा था तो अग्निवेश ने कहा कि वह आमरण अनशन के खिलाफ थे क्योंकि उनकी राय थी कि उन्हें अनिश्चितकालीन अनशन पर जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हजारे के अनशन जारी रखने पर उनका टीम अन्ना के अन्य सदस्यों से मतभेद था. उन्होंने कहा कि संसद और प्रधानमंत्री के अन्ना से अनशन खत्म करने की अपील करने के बाद 'मैं उनके अनशन जारी रखने का कोई कारण नहीं देखता था. इस मुद्दे पर मैं उनसे दूर हो गया.’

यह पूछे जाने पर कि क्या वह कानूनी कार्रवाई करेंगे तो उन्होंने कहा कि वह ऐसा करना सही नहीं मानते. उन्होंने कहा, 'मैं कुछ आध्यात्मिक मूल्यों के साथ पैदा हुआ हूं. मैं पुलिस कार्रवाई नहीं चाहता. मैंने उस भाजपा नेता को माफ कर दिया जिसने अहमदाबाद में मेरे ऊपर हमला किया था.’

Posted by राजबीर सिंह at 10:04 pm.
 

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