भ्रष्टाचार के खिलाफ लालकृष्ण आडवाणी की यात्रा सिर्फ ‘दिखावा’ : अन्ना हजारे
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सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा कि वह तब तक भाजपा का समर्थन नहीं करेंगे जब तक कि वह संसद में जन लोकपाल विधेयक का समर्थन नहीं करती है और उसकी सरकारें राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्ति के लिए कानून नहीं बनातीं. आडवाणी के रथ यात्रा का मकसद सिर्फ और सिर्फ वोट बैंक बटोरना है.
उन्होंने रालेगण सिद्धि में कहा, ‘अगर भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आडवाणी गंभीर हैं तो यात्रा करने की बजाय उन्हें भाजपा शासित सभी राज्यों से लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए कानून बनाने को कहना चाहिए. यह दिखावा नहीं तो क्या है.‘
हजारे ने कहा, ‘बिल्कुल नहीं. अगर भाजपा कहती है कि वह अन्ना का समर्थन करती है तो उसे अपने राज्यों में लोकायुक्त विधेयक लाना चाहिए. पहले लोकायुक्त विधेयक लाएं और तब समर्थन मांगें.’
भाजपा और कांग्रेस से समान दूरी बनाते हुए अन्ना हजारे ने संप्रग सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस के भीतर अनेक लोग मानते हैं कि वह प्रधानमंत्री हैं. अन्ना हजारे से जब यह पूछा गया कि पार्टी का कौन सा नेता खुद को प्रधानमंत्री समझता है तो उन्होंने नाम लेने से इंकार कर दिया. अन्ना हजारे ने कहा कि मैने अगर नाम लिया तो मेरे ऊपर केस दर्ज हो जायेगा और अब मैं दोबारा केस दर्ज कराना नहीं चाहता क्योंकि पहले से ही मेरे ऊपर 12 केस दर्ज हैं.
वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी, गृह मंत्री पी चिदंबरम और मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल की आलोचना करते हुए हजारे ने कहा कि वे प्रधानमंत्री की तरह बर्ताव कर रहे थे. ये तीनों मंत्री लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए गठित की गई संयुक्त समिति के सदस्य थे.
अन्ना हजारे ने कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी को एक नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें अपनी सास इंदिरा गांधी से कुछ सिखना चाहिए. उन्हें इंदिरा गांधी के सिद्धांतों को अपनाना चाहिए.
यात्रा के लिए समर्थन नहीं मांगा
दूसरी तरफ नयी दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि अन्ना हजारे से लाल कृष्ण आडवाणी की भ्रष्टाचार के खिलाफ यात्रा के लिए समर्थन नहीं मांगा गया है और इस बारे में निर्णय लेना अन्ना का अधिकार है.भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावेड़कर से अन्ना हजारे की उस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया पूछी गई थी जिसमें उन्होंने कहा था कि वह आडवाणी की यात्रा का समर्थन नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि भाजपा को समर्थन से पहले जन लोकपाल विधेयक पर समर्थन करना होगा जिन राज्यों में उसकी सरकार है वहां लोकायुक्त की नियुक्ति करनी होगी.
जावेड़कर ने कहा कि अन्ना हजारे किसी राजनीतिक दल से नहीं जुड़े हैं वह समाजसेवी के नाते भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन और अपना एजेंडा चला रहे हैं और किसी राजनीतिक दल के अभियान को समर्थन देना या न देना उनकी पसंद का मामला है. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के बारे में अन्ना हजारे और भाजपा दोनों का विचार और मकसद एक है.