योजना आयोग ने भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी को उचित ठहराया
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आयोग ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक का ब्याज दरें बढ़ाने का फैसला बिलकुल ठीक है.
आयोग का कहना है कि ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि का फैसला बेवजह नहीं और यह महंगाई को काबू में लाने का संकेत देता है.
योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह आहलूवालिया ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, ‘‘रिजर्व बैंक महंगाई को काबू में लाने की अपनी चिंता का संकेत दे रहा है. ब्याज दरों में वृद्धि रेंज में है और यह बेवजह नहीं है.’’
अहलूवालिया ने उम्मीद जताई कि वैश्विक स्तर पर अर्थव्यवस्था में कमजोरी से कीमतें नरम होंगी. इससे देश में भी महंगाई का आंकड़ा नीचे आएगा. इसके अलावा इस साल कृषि उत्पादन बेहतर रहने से भी महंगाई घटेगी.
डॉलर की तुलना में रुपये में गिरावट से अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर अहलूवालिया ने कहा, ‘‘विदेशी मुद्रा भंडार काफी ऊंचा है. रुपये की विनिमय दर में गिरावट से घबराहट का कोई कारण नहीं दिखता.’’
फैसला सही: रंगराजन
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) ने भी कहा है कि रिज़र्व बैंक के पास ब्याज दर बढ़ाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था.
पीएमईएसी चेयरमैन सी रंगराजन ने कहा, ‘‘रिज़र्व बैंक ने सही फैसला किया है. बढ़ती महंगाई के संदर्भ में रिज़र्व बैंक के पास ब्याज दरें बढ़ाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था.’’
उल्लेखनीय है कि रिज़र्व बैंक ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति की मध्य तिमाही समीक्षा में रेपो दर को 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 8.25 फीसद कर दिया है, जबकि रिवर्स रेपो दर 0.25 फीसद की वृद्धि के साथ 7.25 प्रतिशत हो गई है.
रंगराजन ने कहा कि अल्प अवधि में मूल्यों के मोर्चे पर दबाव रहेगा पर मार्च, तक मुद्रास्फीति 7 प्रतिशत पर आ जाएगी. अगस्त में मुद्रास्फीति 9.78 फीसद पर थी.
कोटक महिंद्रा ओल्ड म्यूचुअल लाइफ इंश्योरेंस के मुख्य निवेश अधिकारी सुधाकर शनभाग ने कहा, ‘‘0.25 प्रतिशत की वृद्धि बाजार उम्मीदों के अनुरूप है. रिजर्व बैंक का मुख्य ध्यान महंगाई पर काबू करने को लेकर है.’’