मैनचेस्टर में एकमात्र टी-20 मैच में इंग्लैंड के खिलाफ उतरेगा भारत

मैनचेस्टर में भारत बुधवार को एकमात्र टी-20 मैच में इंग्लैंड के खिलाफ उतरेगा.

भारत टेस्ट सीरीज में 0-4 की शर्मनाक हार को पीछे छोड़कर बुधवार को जब यहां एकमात्र टी-20 मैच में इंग्लैंड के खिलाफ उतरेगा तो उसे उम्मीद होगी कि उसके युवा बल्लेबाज सीम गेंदबाजी के अनुकूल हालात से निपटने में सफल रहेंगे.

टेस्ट सीरीज में लचर प्रदर्शन के बाद भारत ने लगातार तीन अभ्यास मैच जीतकर अच्छे संकेत दिए हैं लेकिन मौजूदा टी-20 चैंपियन इंग्लैंड के खिलाफ मुकाबला अभ्यास मैचों से काफी अलग होगा.

अभ्यास मैचों में विराट कोहली और रोहित शर्मा दोनों अच्छी लय में नजर आए और दोनों ने टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई. इन दोनों बल्लेबाजों ने अब तक इंग्लैंड में हार का सामना नहीं किया है और अपने आत्मविश्वास और सकारात्मक रवैये के साथ ये भारत की तकदीर बदल सकते हैं.

बाएं हाथ के विकेटकीपर बल्लेबाज पार्थिव पटेल ने भी लीसेस्टरशर के खिलाफ टी-20 मैच में भारत की जीत में सर्वाधिक रन बनाए थे और वह भी अच्छी लय में हैं.

भारत के पास हालांकि बल्लेबाजों की कमी है और अपने दो सबसे सीनियर बल्लेबाजों सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ को इस मुकाबले में खेलने के लिए कहने के अलावा उसके पास कोई विकल्प नहीं बचा है.

मौजूदा टीम में आठ बल्लेबाज हैं लेकिन ओपनिंग बल्लेबाज गौतम गंभीर को इस मैच से लगभग बाहर माना जा रहा है जबकि अजिंक्या रहाणे का भी इस मैच में खेलना मुश्किल है.

ऐसे में आधुनिक क्रि केट के दो दिग्गज बल्लेबाज तेंदुलकर और द्रविड़ चयन की दौड़ में शामिल हो जाते हैं. तेंदुलकर ने अब तक सिर्फ एक टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेला है जबकि द्रविड़ अगर खेलते हैं तो वह टी-20 में पदार्पण करेंगे.

दक्षिण अफ्रीका में चार साल पूर्व युवा खिलाडि़यों के दम पर पहला आईसीसी टी-20 विश्व कप जीतने वाले भारत के लिए यह विडंबना ही है कि उसे मदद के लिए 38 बरस से अधिक की उम्र के दो बल्लेबाजों का दरवाजा खटखटाना पड़ रहा है.

तेंदुलकर और द्रविड़ हालांकि इस मैच में खेलने का प्रस्ताव स्वीकार कर सकते हैं.

तेंदुलकर टेस्ट सीरीज के दौरान काफी अच्छी फॉर्म में नहीं थे जबकि द्रविड़ इस मैच का इस्तेमाल खुद को सीमित ओवरों के मैचों के अनुरूप ढालने के लिए कर सकते हैं. उन्होंने तीन साल से भी अधिक समय से सीमित ओवरों का कोई अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला है.

इंग्लैंड की टीम में टेस्ट सीरीज में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले एलिस्टेयर कुक और इयान बेल नहीं होंगे लेकिन इसके बावजूद मेजबान टीम के पास भारत को पछाड़ने के लिए संसाधन मौजूद हैं.

टेस्ट मैचों में 'मैन ऑफ द सीरीज' बने स्टुअर्ट ब्रॉड की मौजूदगी में इंग्लैंड का गेंदबाजी आक्रमण काफी मजबूत है. टिम ब्रोसनन, स्टीव फिन, ग्रीम स्वान और वनडे विशेषज्ञ जेड डर्नबैक टीम को मजबूती देते हैं. ये सभी निचले क्र म में बल्लेबाजी करने में भी सक्षम हैं.

ओपनिंग बल्लेबाज क्रेग कीस्वेटर, इयोन मोर्गन और केविन पीटरसन की बल्लेबाजी से दुनिया अच्छी तरह वाकिफ है जबकि जोस बटलर, बेन स्टोक्स और एलेक्स हेल्स को सीमित ओवरों के मैचों को इंग्लैंड क्रि केट का भविष्य माना जा रहा है.

दूसरी तरफ भारतीय बल्लेबाजों की राह आसान नहीं होगी. गेंदबाजी आक्र मण की अगुआई प्रवीण कुमार करेंगे जबकि आरपी सिंह उनके साथ नई गेंद संभाल सकते हैं. मुनाफ पटेल का पुराना रिकार्ड उन्हें आर विनय कुमार पर तरजीह दिला सकता है जिन्होंने सोमवार को लीसेस्टरशर के खिलाफ अभ्यास मैच में प्रभावित किया.

स्पिन विभाग में अमित मिश्रा को आर अश्विन पर तरजीह मिल सकती है.

Posted by राजबीर सिंह at 2:25 am.
 

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