कांग्रेस पार्टी देश में भ्रष्टाचार की जननी : मायावती

उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने गुरुवार को कार्यकर्ताओं से कांग्रेस की चुनौती के लिए तैयार रहने को कहा है.

दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में कांग्रेस को ललकारते पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए बसपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि अपराध अन्य राज्यों में भी हो रहे हैं लेकिन राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग जैसे केंद्रीय निकाय केवल उनकी सरकार को निशाना बना रहे हैं.

भूमि अधिग्रहण, कथित बलात्कार और लखिमपुर खीरी में नाबालिक की हत्या जैसे मामलों से आरोपों के निशाने पर आई उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने पार्टी कार्यकर्ताओं को अपनी सरकार के खिलाफ कांग्रेस के हमलों से मुकाबला करने के लिए तैयार रहने को कहा.

बसपा कार्यकर्ताओं को मायावती का संबोधित करना काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि उन्होंने हाल ही में कहा था कि बसपा संसद में अपनी सरकार की ओर से पेश कानून की तर्ज पर देशभर में समान भूमि अधिग्रहण कानून बनाने की मांग उठायेगी.

सूत्रों ने बताया कि बसपा संसद के मानसून सत्र के दौरान यहां विरोध प्रदर्शन का का आयोजन कर सकती है.

मायावती ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को इस देश में भ्रष्टाचार की जननी माना जाता है. परन्तु हाल के दिनों में अरबों-खरबों रूपये के भ्रष्टाचार व बडे-बडे घोटालों के कारण पूरा देश शर्मसार हुआ है व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी काफी बदनामी हुयी है और यह सब कुछ कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली केन्द्र की सरकार के संरक्षण में ऐसे लोगों की नाक के नीचे हुआ है जिसकी दुहाई देने से कांग्रेस पार्टी के लोग बाज नहीं आते हैं.

भ्रष्टाचारों के कारण देश भर में खासकर आम जनता के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान को लगने वाली चोट से उत्पन्न आक्रोश का उल्लेख करते हुये उन्होंने कहा कि अपनी गलत आर्थिक नीतियों से गरीबी,बेरोजगारी व मंहगाई बढाने वाली कांग्रेस पार्टी की सरकार का आम जनता के हित पर यह एक और पीडादायी कुठाराघात है.

भूमि अधिग्रहण से संबंधित विवादों का उल्लेख करते हुये बसपा प्रमुख ने कहा कि उनकी सरकार पर कोई आरोप लगाने से पहले कांग्रेस और भाजपा को अपने गिरेबान में झांक लेना चाहिए, क्योंकि कांग्रेस शासित राज्यों हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली,महाराष्ट्र में तथा भाजपा शासित गुजरात तथा मध्य प्रदेश राज्यों में भूमि अधिग्रहण को लेकर किसान काफी आन्दोलित हैं. लेकिन इन प्रान्तों में किसानों की सुध लेने वाला कोई नहीं है. साथ ही केन्द्र सरकार की नाक के नीचे दिल्ली में किसानों की जमीन औने-पौने दाम पर ली जा रही है.

दिल्ली में कंझावला, बवाना व दिल्ली देहात में लगभग तीन करोड़ रूपये से दस करोड रूपये प्रति एकड जमीन है. लेकिन राज्य सरकार द्वारा इसे मात्र लगभग 53 लाख रूपये प्रति एकड की दर से लिया जा रहा है.

Posted by राजबीर सिंह at 11:02 am.
 

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