क्या कोई लोकपाल भ्रष्टाचारी नहीं हो सकता ?
ताजा खबरें, देश-विदेश 10:59 am
चिदंबरम ने कहा कि यह सरकार का प्रण है. उन्होंने कहाकि भ्रष्टाचार पर सरकार गंभीर है.
चिदंबरम ने कहा कि संयुक्त मसौदा समिति की कई बैठकें हो चुकी हैं, एक बैठक अब भी शेष है और पूरी उम्मीद है कि मसौदा तैयार करने का काम पूरा हो जाएगा. जब बिल संसद में पेश होगा तो पूरा देश कहेगा कि सरकार ने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई है.
केंद्र सरकार ने प्रभावी लोकपाल विधेयक की भ्रूण हत्या करने के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि अनशन करना विधेयक तैयार करने का कोई तरीका नहीं है.सरकार ने देशवासियों को यह आश्वासन दिया है कि एक प्रभावी लोकपाल विधेयक का मसौदा आगामी 30 जून तक तैयार कर लिया जाएगा. अन्ना हजारे द्वारा आगामी 16 अगस्त से जंतर-मंतर पर फिर अनशन शुरू करने की घोषणा के कुछ घंटे बाद केन्द्रीय मंत्रियों कपिल सिब्बल.
पी चिदम्बरम और सलमान खुर्शीद ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि सरकार प्रभावी लोकपाल विधेयक तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है. नागरिक समूहों के साथ गंभीर विचार-विमर्श जारी रखेगी. वही दूसरी तरफ मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने लोकपाल के मुद्दे पर कहा कि हम सरकार से समानांतर कोई ढ़ांचा खड़ा नहीं कर सकते.
सरकार अपनी शक्तियों को किस तरह अनियंत्रित तरीके से बांट सकती है. सिब्बल ने फिर अनशन पर जाने के अन्ना हज़ारे के फैसले पर कहा कि आप बातचीत की प्रक्रिया को खतरे में नहीं डाल सकते. बार-बार अनशन की धमकी देना गलत है. कपिल सिब्बल ने कहाकि सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधि और सरकार के बीच सिर्फ लोकपाल की संरचना पर ही मतभेद है.
सिब्बल ने एक सवाल पूछते हुए कहाकि क्या कोई लोकपाल भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं हो सकता है. उन्होंने कहाकि सिविल सोसाइटी और सरकार के बीच गंभीर मतभेद हैं. लोकपाल पर अब तक छह मीटिंग हुई है. सिब्बल ने सिविल सोसायटी के रवैये पर सवाल खड़े किए व कहा कि उनकी अनेक मांगें ऐसी हैं जिन पर सरकार अकेले निर्णय नहीं कर सकती क्योंकि देश में संसदीय लोकतंत्र है. हर कानून बनाने का हक संसद को है.
सिविल सोसायटी सरकार का हिस्सा नहीं है और वह सरकार को निर्देशित नहीं कर सकती. सिब्बल ने कहा कि सिविल सोसायटी को समझना होगा कि सिविल सोसायटी वार्ता करने के साथ धमकियां नहीं दे सकती. वार्ता व धमकियों का एक साथ चलना संभव नहीं है.
सिब्बल ने स्पष्ट किया कि विधेयक के दो मसौदे तैयार नहीं होंगे बल्कि एक ही मसौदे में दो विकल्प रखे जाएंगे. जिन मुद्दों पर असहमति है उनके बारे में पृथक-पृथक राय मसौदे में शामिल की जाएंगी.
चिदंबरम ने कहा कि संयुक्त मसौदा समिति की कई बैठकें हो चुकी हैं, एक बैठक अब भी शेष है और पूरी उम्मीद है कि मसौदा तैयार करने का काम पूरा हो जाएगा. जब बिल संसद में पेश होगा तो पूरा देश कहेगा कि सरकार ने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई है.
केंद्र सरकार ने प्रभावी लोकपाल विधेयक की भ्रूण हत्या करने के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि अनशन करना विधेयक तैयार करने का कोई तरीका नहीं है.सरकार ने देशवासियों को यह आश्वासन दिया है कि एक प्रभावी लोकपाल विधेयक का मसौदा आगामी 30 जून तक तैयार कर लिया जाएगा. अन्ना हजारे द्वारा आगामी 16 अगस्त से जंतर-मंतर पर फिर अनशन शुरू करने की घोषणा के कुछ घंटे बाद केन्द्रीय मंत्रियों कपिल सिब्बल.
पी चिदम्बरम और सलमान खुर्शीद ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि सरकार प्रभावी लोकपाल विधेयक तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है. नागरिक समूहों के साथ गंभीर विचार-विमर्श जारी रखेगी. वही दूसरी तरफ मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने लोकपाल के मुद्दे पर कहा कि हम सरकार से समानांतर कोई ढ़ांचा खड़ा नहीं कर सकते.
सरकार अपनी शक्तियों को किस तरह अनियंत्रित तरीके से बांट सकती है. सिब्बल ने फिर अनशन पर जाने के अन्ना हज़ारे के फैसले पर कहा कि आप बातचीत की प्रक्रिया को खतरे में नहीं डाल सकते. बार-बार अनशन की धमकी देना गलत है. कपिल सिब्बल ने कहाकि सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधि और सरकार के बीच सिर्फ लोकपाल की संरचना पर ही मतभेद है.
सिब्बल ने एक सवाल पूछते हुए कहाकि क्या कोई लोकपाल भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं हो सकता है. उन्होंने कहाकि सिविल सोसाइटी और सरकार के बीच गंभीर मतभेद हैं. लोकपाल पर अब तक छह मीटिंग हुई है. सिब्बल ने सिविल सोसायटी के रवैये पर सवाल खड़े किए व कहा कि उनकी अनेक मांगें ऐसी हैं जिन पर सरकार अकेले निर्णय नहीं कर सकती क्योंकि देश में संसदीय लोकतंत्र है. हर कानून बनाने का हक संसद को है.
सिविल सोसायटी सरकार का हिस्सा नहीं है और वह सरकार को निर्देशित नहीं कर सकती. सिब्बल ने कहा कि सिविल सोसायटी को समझना होगा कि सिविल सोसायटी वार्ता करने के साथ धमकियां नहीं दे सकती. वार्ता व धमकियों का एक साथ चलना संभव नहीं है.
सिब्बल ने स्पष्ट किया कि विधेयक के दो मसौदे तैयार नहीं होंगे बल्कि एक ही मसौदे में दो विकल्प रखे जाएंगे. जिन मुद्दों पर असहमति है उनके बारे में पृथक-पृथक राय मसौदे में शामिल की जाएंगी.
Posted by राजबीर सिंह
at 10:59 am.