अनिद्रा से निजात दिलाएगी स्लीपकैप
ताजा खबरें, लाईफस्टाइल, स्वास्थ्य 11:16 am
अब उन्हें दवाइयों का सहारा नहीं लेना होगा बल्कि वे एक 'नाइटकैप' पहनेंगे जो उनके दिमाग को ठंडा रखेगा. अनिद्रा से परेशान लोगों के लिए एक खुशखबरी है.
अब उन्हें दवाइयों का सहारा नहीं लेना होगा बल्कि वे एक 'नाइटकैप' पहनेंगे जो उनके दिमाग को ठंडा रखेगा. अमेरिकी चिकित्सकों के एक दल ने यह टोपी तैयार की है जिसमें ठंडे पानी की ट्यूब लगी हैं.
यह जरूरत से ज्यादा सक्रिय मस्तिष्क को ठंडा करने में मदद करेगा और व्यक्ति अच्छी नींद ले सकेगा. डेली मेल के अनुसार अध्ययन में पाया गया कि यह टोपी माथे के ठीक नीचे स्थित प्री-फ्रंटल कोरटेक्स कहे जाने वाले दिमाग के हिस्से को ठंडा करती है. अच्छी नींद का कारण प्री-फ्रंटल कोरटेक्स का शांत रहना है लेकिन अनिद्रा से पीडि़त लोगों में यह अधिक सक्रिय रहता है.
पीट्सबर्ग विश्वविद्यालय के डा. एरिक नोफजिंगर के नेतृत्व वाले दल ने पाया कि अगर मस्तिष्क के इस भाग को ठंडा कर दिया जाय तो व्यक्ति आराम की नींद ले सकता है. अभी तक नींद लेने के लिये लोग गोलियां लेते हैं लेकिन केवल 25 प्रतिशत ही इस इलाज से संतुष्ट हैं. लोग अक्सर गोलियों पर निर्भर रहने अथवा उनसे अन्य विकार पैदा होने से घबराते हैं.
इस अध्ययन में पाया गया कि स्लीपकैप पहने वाला जितनी देर बिस्तर पर रहता है उसका 89 प्रतिशत नींद लेता है और उन लोगों से तीन मिनट पहले निद्रा में चला जाता है जिन्हें नींद न आने की बीमारी नहीं है. नोफजिंगर ने हालांकि स्पष्ट किया कि नतीजों की पुष्टि के लिए बड़े पैमाने पर परीक्षण की अभी जरूरत है. उनका कहना है 'मरीज जिस मदद की अपेक्षा कर रहे हैं और जो उपलब्ध हैं उसमें काफी खाई है.'
अब उन्हें दवाइयों का सहारा नहीं लेना होगा बल्कि वे एक 'नाइटकैप' पहनेंगे जो उनके दिमाग को ठंडा रखेगा. अमेरिकी चिकित्सकों के एक दल ने यह टोपी तैयार की है जिसमें ठंडे पानी की ट्यूब लगी हैं.
यह जरूरत से ज्यादा सक्रिय मस्तिष्क को ठंडा करने में मदद करेगा और व्यक्ति अच्छी नींद ले सकेगा. डेली मेल के अनुसार अध्ययन में पाया गया कि यह टोपी माथे के ठीक नीचे स्थित प्री-फ्रंटल कोरटेक्स कहे जाने वाले दिमाग के हिस्से को ठंडा करती है. अच्छी नींद का कारण प्री-फ्रंटल कोरटेक्स का शांत रहना है लेकिन अनिद्रा से पीडि़त लोगों में यह अधिक सक्रिय रहता है.
पीट्सबर्ग विश्वविद्यालय के डा. एरिक नोफजिंगर के नेतृत्व वाले दल ने पाया कि अगर मस्तिष्क के इस भाग को ठंडा कर दिया जाय तो व्यक्ति आराम की नींद ले सकता है. अभी तक नींद लेने के लिये लोग गोलियां लेते हैं लेकिन केवल 25 प्रतिशत ही इस इलाज से संतुष्ट हैं. लोग अक्सर गोलियों पर निर्भर रहने अथवा उनसे अन्य विकार पैदा होने से घबराते हैं.
इस अध्ययन में पाया गया कि स्लीपकैप पहने वाला जितनी देर बिस्तर पर रहता है उसका 89 प्रतिशत नींद लेता है और उन लोगों से तीन मिनट पहले निद्रा में चला जाता है जिन्हें नींद न आने की बीमारी नहीं है. नोफजिंगर ने हालांकि स्पष्ट किया कि नतीजों की पुष्टि के लिए बड़े पैमाने पर परीक्षण की अभी जरूरत है. उनका कहना है 'मरीज जिस मदद की अपेक्षा कर रहे हैं और जो उपलब्ध हैं उसमें काफी खाई है.'
Posted by राजबीर सिंह
at 11:16 am.