पर्यवेक्षकों की निगरानी में चुनाव करवाने के लिए राजी तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी
ताजा खबरें, देश-विदेश 9:41 am
रोम। लीबिया के तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी के बडे़ बेटे सैफ अल-इस्लाम ने कहा है कि उनके पिता अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों की निगरानी में चुनाव करवाने के लिए राजी हो जाएंगे बशर्ते मतदान के दौरान कोई धांधली न हो।
उन्होंने बृहस्पतिवार को इटली के अखबार 'कोरियर डेला सेरा' को दिए साक्षात्कार में यह बात कही। उनका कहना है कि लीबिया में तीन महीने के भीतर चुनाव हो सकते हैं। यदि इस दौरान नहीं हो पाए तो इस साल के अंत तक तो हर हाल में हो जाएंगे। मेरे पिता अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों की निगरानी में पूरी पारदर्शिता के साथ चुनाव संपन्न कराने की गारंटी ले सकते हैं।
अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों में यूरोपीय संघ, अफ्रीकी संघ, संयुक्त राष्ट्र और नाटो को भी शामिल किया जा सकता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि चुनाव पूरी पारदर्शिता के साथ बिना किसी धांधली के होने चाहिए। सैफ ने कहा कि मुझे इस बात में कोई शक नहीं है कि लीबिया की आबादी का बड़ा हिस्सा मेरे पिता के साथ है और वे विद्रोहियों को आतंकी संगठनों के तौर पर देखते हैं।
जो विदेशी ताकतों के निर्देश पर काम करते हैं। उसका इशारा फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी की ओर था। सैफ का कहना है कि अगर चुनाव में हार होती है तो उसके पिता हटने को तैयार हो जाएंगे, लेकिन वह अपने देश को छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा, 'मेरे पिता लीबिया को कभी नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने यहीं पर जन्म लिया और यहीं पर दफन होंगे।'
लोकतंत्र समर्थकों ने दो नए इलाकों पर किया कब्जा त्रिपोली। लोकतंत्र समर्थकों ने सरकार की मजबूत पकड़ वाले वेस्टर्न माउंटेंस के दो गांवों पर कब्जा कर लिया है। मगर सेना की छावनी बन चुकी राजधानी त्रिपोली में लोकतंत्र समर्थकों की स्थिति अब भी कमजोर है। मिस्राता और पूर्वी लीबिया में भी सेना की पकड़ मजबूत है।
उन्होंने बृहस्पतिवार को इटली के अखबार 'कोरियर डेला सेरा' को दिए साक्षात्कार में यह बात कही। उनका कहना है कि लीबिया में तीन महीने के भीतर चुनाव हो सकते हैं। यदि इस दौरान नहीं हो पाए तो इस साल के अंत तक तो हर हाल में हो जाएंगे। मेरे पिता अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों की निगरानी में पूरी पारदर्शिता के साथ चुनाव संपन्न कराने की गारंटी ले सकते हैं।
अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों में यूरोपीय संघ, अफ्रीकी संघ, संयुक्त राष्ट्र और नाटो को भी शामिल किया जा सकता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि चुनाव पूरी पारदर्शिता के साथ बिना किसी धांधली के होने चाहिए। सैफ ने कहा कि मुझे इस बात में कोई शक नहीं है कि लीबिया की आबादी का बड़ा हिस्सा मेरे पिता के साथ है और वे विद्रोहियों को आतंकी संगठनों के तौर पर देखते हैं।
जो विदेशी ताकतों के निर्देश पर काम करते हैं। उसका इशारा फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी की ओर था। सैफ का कहना है कि अगर चुनाव में हार होती है तो उसके पिता हटने को तैयार हो जाएंगे, लेकिन वह अपने देश को छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा, 'मेरे पिता लीबिया को कभी नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने यहीं पर जन्म लिया और यहीं पर दफन होंगे।'
लोकतंत्र समर्थकों ने दो नए इलाकों पर किया कब्जा त्रिपोली। लोकतंत्र समर्थकों ने सरकार की मजबूत पकड़ वाले वेस्टर्न माउंटेंस के दो गांवों पर कब्जा कर लिया है। मगर सेना की छावनी बन चुकी राजधानी त्रिपोली में लोकतंत्र समर्थकों की स्थिति अब भी कमजोर है। मिस्राता और पूर्वी लीबिया में भी सेना की पकड़ मजबूत है।
Posted by राजबीर सिंह
at 9:41 am.