लू लगना जानलेवा भी हो सकता है.
ताजा खबरें, विज्ञान 8:18 pm
गर्मी के दिनों में लू लगना एक आम समस्या है इसका समय रहते सही उपचार न होने पर यह जानलेवा भी हो सकता है.
शिशु रोग विशेषज्ञ और आईएमए नेशनल के सहायक महासचिव डॉ रवि मलिक ने बताया ‘‘अत्यधिक गर्मी में, अधिक आद्रता वाले मौसम में या तेज धूप में कठोर मेहनत करने पर शरीर अपने अंदर लगातार बन रही ऊर्जा को उत्सर्जित नहीं कर पाता, जिसकी वजह से शरीर का तापमान आश्चर्यजनक रूप से बढ़ने लगता है.
कई बार तो यह तापमान 41 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाता है जो जानलेवा हो सकता है. ऐसे में शरीर के अंदर पानी तथा इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो जाती है.’’
डॉ अजय यदु ने बताया ‘‘तेज धूप के अलावा, निर्जलीकरण की वजह से भी लू लग सकती है और शरीर में पानी की कमी होने की वजह से तेजी से पसीना नहीं आता तथा ऊर्जा उत्सर्जित नहीं होती. ऐसी स्थिति में भी शरीर का तापमान बढ़ने लगता है.’’
डॉ मलिक के अनुसार, यह एक आपात चिकित्सा की स्थिति है जिसमें मरीज के शरीर का तापमान सामान्य करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है. यह समस्या गर्मी में होती है और इससे बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिये ताकि निर्जलीकरण न होने पाए. इसके अलावा गर्मी तथा आद्रता वाले दिनों में कठिन शारीरिक श्रम से बचना चाहिए.
डॉ मनोरमा बैस ने बताया ‘‘नवजात शिशु, बुजुर्ग, खिलाड़ी और काम के लिए बाहर जाने वाले लोगों को लू लगने का खतरा अधिक होता है. ’’
शिशु रोग विशेषज्ञ और आईएमए नेशनल के सहायक महासचिव डॉ रवि मलिक ने बताया ‘‘अत्यधिक गर्मी में, अधिक आद्रता वाले मौसम में या तेज धूप में कठोर मेहनत करने पर शरीर अपने अंदर लगातार बन रही ऊर्जा को उत्सर्जित नहीं कर पाता, जिसकी वजह से शरीर का तापमान आश्चर्यजनक रूप से बढ़ने लगता है.
कई बार तो यह तापमान 41 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाता है जो जानलेवा हो सकता है. ऐसे में शरीर के अंदर पानी तथा इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो जाती है.’’
डॉ अजय यदु ने बताया ‘‘तेज धूप के अलावा, निर्जलीकरण की वजह से भी लू लग सकती है और शरीर में पानी की कमी होने की वजह से तेजी से पसीना नहीं आता तथा ऊर्जा उत्सर्जित नहीं होती. ऐसी स्थिति में भी शरीर का तापमान बढ़ने लगता है.’’
डॉ मलिक के अनुसार, यह एक आपात चिकित्सा की स्थिति है जिसमें मरीज के शरीर का तापमान सामान्य करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है. यह समस्या गर्मी में होती है और इससे बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिये ताकि निर्जलीकरण न होने पाए. इसके अलावा गर्मी तथा आद्रता वाले दिनों में कठिन शारीरिक श्रम से बचना चाहिए.
डॉ मनोरमा बैस ने बताया ‘‘नवजात शिशु, बुजुर्ग, खिलाड़ी और काम के लिए बाहर जाने वाले लोगों को लू लगने का खतरा अधिक होता है. ’’
Posted by राजबीर सिंह
at 8:18 pm.