केंद्र सरकार ने देशवासियों को बेवकूफ बनाया : अन्ना हज़ारे
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इसी बीच लोकपाल बिल ड्राफ्ट कमेटी के सिविल सोसायटी के सदस्य संतोष हेगड़े ने कहा है कि सिविल सोसायटी सदस्यों में कोई मतभेद नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यदि अन्ना हजारे 16 अगस्त से अनशन पर जाते हैं तो वे उनका पूरा समर्थन करेंगे। हालांकि शनिवार को हेगड़े ने अन्ना को सुझाव दिया था कि वे अब लोकपाल बिल के मुद्दे पर अनशन न करें।
एक इंटरव्यू में अन्ना हजारे ने कहा कि जिन लोगों के हाथों में सत्ता है वे तानाशाह की तरह व्यवहार कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्रियों द्वारा यह आरोप लगाने, कि अन्ना तानाशाह के रूप में काम कर रहे हैं, उन्होंने कहा कि वे एक मंदिर में छोटे से कमरे में रहते हैं। वे तानाशाह कैसे हो सकते हैं।
अन्ना के साथी अरविंद केजरीवाल ने कहा कि चुने हुए प्रतिनिधि मानते हैं कि उन्हें पांच साल तक लोगों को लूटने का लायसेंस मिल गया। उन्होंने कहा कि यदि मजबूत लोकपाल बिल बना, तो कई लोग जो बिल बनाने का काम कर रहे हैं, जेल जाएंगे। और इसीलिए वे अपने सुसाइड नोट पर हस्ताक्षर करने से बच रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार शुरु से ही षडयंत्र करती रही और मजबूत लोकपाल बिल लाने का उनका कोई उद्देश्य नहीं था। सरकार में इतना घमंड है कि वे मानते हैं कि वे जो चाहे कर सकते हैं।
अन्ना ने कहा कि देश को अभी भी पूरी तरह आजादी नहीं मिली है। अन्ना ने कहा कि वे चाहते हैं कि देश भ्रष्टाचार से मुक्त हो और इसीलिए आजादी की दूसरी लड़ाई छेड़ने का वक्त आ गया है। उन्होंने कहा कि पहले लोकपाल बिल के संसद में पेश होने के समय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने खुद बिल के दायरे में प्रधानमंत्री को रखे जाने की वकालत की थी। लेकिन अब सरकार इस मुद्दे पर पीछे हट रही है।