मस्तिष्क के साथ चुंबकीय हस्तक्षेप से झूठ बोलना असंभव

वैज्ञानिकों ने पाया है कि मस्तिष्क के साथ चुंबकीय हस्तक्षेप से झूठ बोलना असंभव हो जाता है.

वैज्ञानिकों का कहना है कि इस खोज से ऐसे संदिग्धों से सही सूचनाएं हासिल की जा सकती हैं जो सचाई उजागर करने के लिए इच्छुक नहीं हों.

इस्टोनियाई अनुसंधानियों ने पाया कि मस्तिष्क के सामने के हिस्से को चुंबक से उत्तेजित करने से झूठ बोलने की प्रवृत्ति पर रोक लगाई जा सकती है.

डेली मेल के अनुसार, वैज्ञानिक दल ने पाया कि जब माथे के ठीक पीछे मस्तिष्क के दाएं या बाएं हिस्से, डोरसोलेटेरल प्रिफंटल कॉर्टेक्स पर चुंबकों को रखा जाता है तो व्यक्ति चुंबक की स्थिति पर निर्भर करते हुए या तो झूठ बोलता है या सच.

अनुसंधानियों ने कहा, लेकिन मस्तिष्क के एक अन्य हिस्से, पेरिएटल लोब पर चुंबकीय हस्तक्षेप करने से लोगों की निर्णय करने की क्षमता पर कोई असर नहीं पाया गया है.

अध्ययन करने वाले अनुसंधानियों इंगा कार्टन और टेलिस बैकमैन ने कहा, ‘मस्तिष्क को उत्तेजित कर कम या ज्यादा झूठ बोलने के विकल्प को प्रभावित किया जा सकता है.’

Posted by राजबीर सिंह at 9:46 pm.
 

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