पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज
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कर्नाटक उच्च न्यायालय ने पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी.
उन्होंने इससे बचने के लिए ही हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दाखिली की थी.
भूमि गैर अधिसूचित करने और सिंचाई परियोजना में कथित अनियमितता से जु़डे दो मामलों में उनकी गिरफ्तारी की आशंका बनी हुई है.
याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एल नारायण स्वामी ने कहा कि मामले की सुनवाई पहले ही निचली अदालत में चल रही है.
इसलिए इस मामले में हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता.
न्यायामूर्ति ने कहा कि याचिकाकर्ता को पहले विशेष लोकायुक्त की अदालत में अर्जी देनी चाहिए थी.
उन्होंने कहा कि याचिका आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 438 के तहत अनुरक्षणीय नहीं है अतः खारिज की जाती है.
गौरतलब है कि भूमि घोटाला मामले की सुनवाई विशेष लोकायुक्त की अदालत में चल रही है. लोकायुक्त न्यायाधीश सुहिंद्र राव ने येदुरप्पा को अदालत के सामने पेश होने का सम्मन 27 फरवरी को जारी किया था परन्तु वह अदालत में पेश नहीं हुए और जमानत लेने की कवायद में लग गए. उनकी इस कवायद को उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया.
अधिवक्ता सिराजिन बाशा और के एन बालाराज द्वारा भूमि घोटाला मामले में येदुरप्पा के खिलाफ दर्ज कराई गई शिकायतों के आधार पर अदालत ने उनके खिलाफ समन जारी किया था.
येदुरप्पा ने कहा था कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है और डॉक्टरी जांच के बाद वह अदालत में पेश होंगे. इस पर लोकायुक्त की अदालत ने उन्हें स्वास्थ्य के आधार पर अदालत में पेश होने से एक दिन की छूट देते हुए सोमवार की दोपहर तक पेश होने का समय दिया था.
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने भूमि घोटाला मामले के आरोपी राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा की अग्रिम जमानत याचिका सोमवार को खारिज कर दी.
अग्रिम जमानत की याचिका रद्द हो जाने के बाद येदियुरप्पा के गिरफ्तार होने की संभावना बढ गई है.उन्होंने इससे बचने के लिए ही हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दाखिली की थी.
भूमि गैर अधिसूचित करने और सिंचाई परियोजना में कथित अनियमितता से जु़डे दो मामलों में उनकी गिरफ्तारी की आशंका बनी हुई है.
याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एल नारायण स्वामी ने कहा कि मामले की सुनवाई पहले ही निचली अदालत में चल रही है.
इसलिए इस मामले में हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता.
न्यायामूर्ति ने कहा कि याचिकाकर्ता को पहले विशेष लोकायुक्त की अदालत में अर्जी देनी चाहिए थी.
उन्होंने कहा कि याचिका आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 438 के तहत अनुरक्षणीय नहीं है अतः खारिज की जाती है.
गौरतलब है कि भूमि घोटाला मामले की सुनवाई विशेष लोकायुक्त की अदालत में चल रही है. लोकायुक्त न्यायाधीश सुहिंद्र राव ने येदुरप्पा को अदालत के सामने पेश होने का सम्मन 27 फरवरी को जारी किया था परन्तु वह अदालत में पेश नहीं हुए और जमानत लेने की कवायद में लग गए. उनकी इस कवायद को उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया.
अधिवक्ता सिराजिन बाशा और के एन बालाराज द्वारा भूमि घोटाला मामले में येदुरप्पा के खिलाफ दर्ज कराई गई शिकायतों के आधार पर अदालत ने उनके खिलाफ समन जारी किया था.
येदुरप्पा ने कहा था कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है और डॉक्टरी जांच के बाद वह अदालत में पेश होंगे. इस पर लोकायुक्त की अदालत ने उन्हें स्वास्थ्य के आधार पर अदालत में पेश होने से एक दिन की छूट देते हुए सोमवार की दोपहर तक पेश होने का समय दिया था.
Posted by राजबीर सिंह
at 9:26 pm.