उमर अब्दुल्ला ने अफ़जल गुरु को फाँसी पर उठाए सवाल

राजीव गांधी के हत्यारों को फाँसी से बचाने के लिए तमिलनाडु विधानसभा में पारित प्रस्ताव की आड़ में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री ने अफ़जल गुरु का बचाव करना शुरू कर दिया है.



जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सवालिया लहजे में कहा, "अगर जम्मू-कश्मीर विधानसभा भी तमिलनाडु की तरह अफ़जल गुरु के लिए प्रस्ताव पारित कर दे तो क्या उसी तरह की प्रतिक्रियाएँ सामने आएंगी? मेरा मानना है नहीं."



अफ़जल गुरु को संसद पर हुए हमले के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फाँसी की सज़ा सुनाई है. राष्ट्रपति को दी गई क्षमा याचिका पर गृह मंत्रालय ने हाल ही में टिप्पणी कर दी है कि उसकी याचिका ठुकरा दी जाए.



उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर की जनता की भावनाओं को राज्य से बाहर उचित तरजीह नहीं मिलती. कश्मीर घाटी में अफ़जल गुरु को फाँसी का फ़ैसला एक संवेदनशील मुद्दा बना हुआ है.



जम्मू-कश्मीर सरकार का मानना है कि अगर अफजल को फांसी हुई तो राज्य में अशांति फैल सकती है.



उमर अब्दुल्ला फांसी की सजा का विरोध करते रहे हैं और वे नहीं चाहते कि अफ़जल को फांसी देने के बाद राज्य में शांति प्रक्रिया पर असर पड़े.



राजीव गांधी के हत्यारों को फाँसी दिए जाने पर मद्रास हाई कोर्ट ने आठ हफ्ते की रोक लगा दी है. तीनों हत्यारों की फाँसी के लिए नौ सितंबर की तारीख मुकर्रर की गई थी.

Posted by राजबीर सिंह at 6:33 am.
 

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