मनरेगा की जांच के लिए 230 से ज्यादा विशेष जांच दल

मनरेगा में वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए केंद्र ने पांच वर्षों में 230 से ज्यादा विशेष जांच दल भेजे हैं.

ग्रामीण रोजगार योजना मनरेगा के अंतर्गत विभिन्न परियोजनाओं में वित्तीय अनियमितताओं के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र ने इसकी जांच के लिए पिछले पांच वर्ष के दौरान विभिन्न राज्यों में 230 से ज्यादा विशेष जांच दल भेजे हैं.

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना के क्रियान्वयन वाली नोडल एजेंसी ग्रामीण विकास मंत्रालय के मुताबिक, वर्ष 2006 से मार्च 2011 के बीच ‘नेशनल लेवल मानीटर्स’:एनएलएम: की कुल 236 टीमों में 92 टीमों को उत्तरप्रदेश भेजा गया. इसके बाद मध्यप्रदेश में 55 और बिहार में 21 टीम भेजे गए.

द्वारा दायर आरटीआई के बाद मिले जवाब से पता चला है कि राज्य के विभिन्न भागों में कथित तौर पर अनियमितताओं की जांच के लिए गुजरात में 17 टीम भेजी गई, उडीसा में सात और राजस्थान एवं छत्तीसगढ़ में पांच-पांच टीम भेजी गई.

सूचना से पता लगा है कि इन मामलों में अभी तक रिपोर्ट दाखिल नहीं की गई है या सभी मामलों में कार्रवाई की प्रतीक्षा की जा रही है.

इसके अलावा 2010-11 के दौरान उड़ीसा, उत्तप्रदेश, मध्यप्रदेश, झारखंड और राजस्थान के अलावा कुछ राज्यों के 100 से ज्यादा गांवों में अनियमितताओं के 10 मामलों को सीबीआई के सुपुर्द कर दिया है.

ग्रामीण विकास मंत्रालय ने झारखंड के आरटीआई कार्यकर्ता-सुबल महतो और लातेहार जिले के नियामत अंसारी की हत्या की जांच का जिम्मा भी सीबीआई को सौंप दिया है.

आरटीआई के जवाब में मंत्रालय ने बताया है, ‘‘झारखंड सरकार से दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम 1946 की धारा छह के तहत एक अधिसूचना जारी करने का अनुरोध किया गया है, जिसमें वह मनरेगा संबंधी अपराधों की जांच के लिए राज्य में सीबीआई के अधिकार क्षेत्र को विस्तृत करने की सहमति दे.’’

ग्रामीण विकास मंत्रालय ने वर्ष 2010-11 में एनएलएम की 85 टीमों को राज्यों में भेजा. 2008-09 में 63, 2009-10 में 42, 2007-08 में 28, 2006-07 में आठ और 2011-12 में 10 टीम को भेजा गया है.

मनरेगा को वर्ष 2005 में शुरु किया गया था. इसके तहत गरीबी रेखा के नीचे के लोगों को साल में कम से कम 100 दिनों के रोजगार की गारंटी होती है.

आरटीआई से मिले जवाब के अनुसार, एनएलएम की तीन टीमें पंजाब भेजी गई.

कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, पश्चिम बंगाल में दो-दो टीमें भेजी गई. इसके अलावा नागालैंड, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, केरल और जम्मू-कश्मीर में एक-एक टीम भेजी गई.

राष्ट्र स्तरीय निगरानी टीम को योजना को लागू करने में अनियमितताओं की शिकायत की जांच करने के लिए भेजा गया है.

विभिन्न राज्यों में कई गैर-सरकारी संगठनों और कार्यकर्ताओं ने इन योजनाओं में अनियमितता को लेकर शिकायत की है.

नियम के मुताबिक, मनरेगा में रित की जांच राज्य सरकार कराती है. इसके बावजूद, बड़े स्तर पर अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की जांच के लिए मंत्रालय ने विशेष टीम भेजने का फैसला किया.

Posted by राजबीर सिंह at 6:29 am.
 

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