लोकपाल विधेयक मसौदा समिति बिना पूर्ण सहमति के खत्म

नई दिल्ली। लोकपाल विधेयक मसौदा समिति की अंतिम संयुक्त बैठक समाप्त हो चुकी है। लेकिन यह बैठक दोनों के बीच बिना पूर्ण सहमति के ही खत्म हो गई है।

दूरसंचार मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि हम असहमत रहने पर सहमत हुए हैं। छह मुख्य मुद्दों पर दोनों पक्षों के बीच असहमति है। अब दोनों मसौदे एक-दूसरे को दे दिए गए हैं। मंत्रिमंडल के पास जाएगा।

दूसरी ओर सामाजिक संगठन के सदस्यों ने इस बैठक के बाद निराशा जताई है।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कई मुद्दों पर सहमति बनी है, लेकिन प्रधानमंत्री के मुद्दे पर असहमति बरकरार रही है और इस पद की जांच को लेकर मतभेद हैं।

लोकपाल के चयन और उसे बर्खास्त करने का अधिकार सरकार ने खुद अपने पास रखा है, जो ठीक नहीं है, क्योंकि ऐसा होने पर उस पर सत्ताधारी पार्टी का पूरा नियंत्रण रहेगा।

प्रशांत भूषण ने कहा कि हम सरकार की ओर से पेश किए गए लोकपाल मसौदे से पूरी तरह निराश हैं।

जिन छह मुद्दों पर असहमति हुई है वे नीचे दिए जा रहे हैं :

1-सरकार प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे से बाहर रखने के पक्ष में है। प्रधानमंत्री के खिलाफ शिकायत तो कर सकते हैं, लेकिन जांच उनके पद से हटने के बाद ही होगी।

2- सरकार सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश और संयुक्त सचिव स्तर से नीचे के अधिकारियों और कर्मचारियों को लोकपाल से बाहर रखने के पक्ष में है।

3-सांसदों का संसद के अंदर किया गया किसी भी तरह का भ्रष्टाचार लोकपाल के दायरे से बाहर होगा।

4-लोकपाल की नियुक्ति के लिए बनी समिति में ज्यादा से ज्यादा लोग राजनीतिक पृष्ठभूमि से होंगे।

5-अगर लोकपाल को हटाने की नौबत आती है, तो सिर्फ सरकार ही सर्वोच्च न्यायालय में अपील कर सकती है।

6-सरकार ग्यारह सदस्यीय लोकपाल समिति चाहती है, जो देश भर से आने वाली शिकायतों की सुनवाई करेगी।

सिविल सोसायटी का पक्ष :

1-प्रधानमंत्री पूरी तरह से लोकपाल के दायरे में हों, जैसे ही कोई शिकायत आए, जांच तुरंत शुरू हो।

2-सभी अधिकारियों और सभी उच्च न्यायलय और सर्वोच्च न्यायालय भी लोकपाल के दायरे में हों।

3-सांसदों को पूरी तरह से लोकपाल के सीमा में रखा जाना चाहिए।

4-लोकपाल की नियुक्ति के लिए बनी समिति में सिविल सोसायटी वाले ज्यादा से ज्यादा गैरराजनीतिक लोगों को रखना चाहते हैं।

5-एक आम आदमी भी या कोई भी लोकपाल को हटाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय जा सकता है।

6-देश भर में जिला स्तर पर लोकपाल समितियां बनाई जानी चाहिए।

Posted by राजबीर सिंह at 11:26 am.
 

dailyvid

FLICKR PHOTO STREAM

2010-2011 आवाज़ इंडिया मीडिया प्रॉडक्शन. All Rights Reserved. - Designed by Gajender Singh