शल्य चिकित्सा के दाग मिटाए जा सकते हैं नई पट्टी से
ताजा खबरें, विज्ञान 4:36 am
प्रोफेसर माइकल लांगेकर की अगुवाई में अमेरिका के स्टैनफोर्ड विविद्यालय के शोधकर्ताओं के एक दल द्वारा विकसित की गई पलस्तर की तरह की यह पट्टी एक प्रकार के सिलिकोन से बनी है और इसे लगभग आठ हफ्तों तक जख्म वाली जगह पर रखा जाता है.
‘डेली मेल’ की खबर के अनुसार यह पट्टी त्वचा पर होने वाले तनाव को कम कर दाग होने की संभावना को कम करती है.शल्य चिकित्सा के बाद दोनों तरफ के मांस को साथ में जोड़े रखने के लिए टांके लगाए जाते हैं.
जख्मों के भरने के दौरान जख्म के पास हुए सूजन से कोलाजेन नाम का पदार्थ पैदा होता है, जो इसे भरने में मदद करता है.
जिन जगहों पर टांकों का इस्तेमाल होता है वहां कोलाजेन इसी तरह काम नहीं कर पाता और दाग उभर जाते हैं. लेकिन टांके हटाए जाने के तुरंत बाद इस नई पट्टी को लगाने से मांस पर पड़ने वाले दबाव को काफी कम करने में मदद मिलती है.
शोधकर्ताओं ने इस पट्टी का इस्तेमाल सबसे पहले सुअरों पर किया. क्योंकि उनकी त्वचा मनुष्यों से काफी मिलती है.इसके बाद इसे महिलाओं पर इस्तेमाल किया गया और दोनों स्थितियों में दाग को काफी कम किया जा सका.
इस शोध के परिणाम ‘एनल्स ऑफ सर्जरी’ नाम के जर्नल में प्रकाशित किए गए.