आय से अधिक संपत्ति के मामले में ओमप्रकाश चौटाला की याचिका खारिज
क्षेत्रीय, ताजा खबरें, हरियाणा 2:43 am
दिल्ली की एक अदालत ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में ओमप्रकाश चौटाला की याचिका खारिज कर दी है.
अदालत ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने आय के ज्ञात सोतों से अधिक संपत्ति के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से कुछ अतिरिक्त दस्तावेज सौंपने की मांग की थी.
अदालत ने सीबीआई की यह दलील स्वीकार कर ली कि यह सुनवाई में देरी करने का प्रयास है. यह मामला चौटाला के खिलाफ आय के ज्ञात सोतों से अधिक संपत्ति रखने का है.
न्यायाधीश ने कहा कि इस मामले में 18 सुनवाई पहले ही हो चुकी है और चोटाला की ओर से इस याचिका के लिए तीन अतिरिक्त सुनवाई की गुहार लगाई है जबकि अदालत अभी भी उनके खिलाफ अभियोग लगाने को लेकर दलील सुन रही है.
अदालत ने इस बात का भी उल्लेख किया कि उन दस्तावेजों के संदर्भ में चौटाला को लेकर सीबीआई की कोई प्रतिकूल मंशा नहीं है, लेकिन ये दस्तावेज इस मामले के लिए उपयुक्त नहीं है.
न्यायाधीश ने कहा कि आरोपों को लेकर दलीलों का दौर खत्म होने पर यह याचिका दायर की गई. वास्तविक स्थिति यह है कि दस्तावेज पहले से ही आरोपी (चोटाला) के संज्ञान में हैं और सीबीआई ने इनको लेकर प्रतिकूल निष्कर्ष नहीं निकाला है.
हरियाणा के पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके और वर्तमान समय में जींद की उचाणा सीट से विधायक चौटाला का कहना था कि सीबीआई ने जांच के दौरान कई दस्तावेज बरामद किए, लेकिन कुछ जरूरी दस्तावेज अदालत को नहीं सौंपे गए, जो सच का खुलासा कर सकते हैं.
चौटाला ने अदालत से सीबीआई को आदेश देने के लिए कहा था कि वह सभी जरूरी दस्तावेज अदालत में प्रस्तुत करे.
सीबीआई ने चौटाला की याचिका का यह कहकर विरोध किया कि यह सुनवाई की प्रक्रिया में विलंब करने के मकसद से दायर की गई है. उसने कहा कि सभी दस्तावेज अदालत के समक्ष प्रस्तुत किए गए हैं
अदालत ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने आय के ज्ञात सोतों से अधिक संपत्ति के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से कुछ अतिरिक्त दस्तावेज सौंपने की मांग की थी.
अदालत ने सीबीआई की यह दलील स्वीकार कर ली कि यह सुनवाई में देरी करने का प्रयास है. यह मामला चौटाला के खिलाफ आय के ज्ञात सोतों से अधिक संपत्ति रखने का है.
न्यायाधीश ने कहा कि इस मामले में 18 सुनवाई पहले ही हो चुकी है और चोटाला की ओर से इस याचिका के लिए तीन अतिरिक्त सुनवाई की गुहार लगाई है जबकि अदालत अभी भी उनके खिलाफ अभियोग लगाने को लेकर दलील सुन रही है.
अदालत ने इस बात का भी उल्लेख किया कि उन दस्तावेजों के संदर्भ में चौटाला को लेकर सीबीआई की कोई प्रतिकूल मंशा नहीं है, लेकिन ये दस्तावेज इस मामले के लिए उपयुक्त नहीं है.
न्यायाधीश ने कहा कि आरोपों को लेकर दलीलों का दौर खत्म होने पर यह याचिका दायर की गई. वास्तविक स्थिति यह है कि दस्तावेज पहले से ही आरोपी (चोटाला) के संज्ञान में हैं और सीबीआई ने इनको लेकर प्रतिकूल निष्कर्ष नहीं निकाला है.
हरियाणा के पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके और वर्तमान समय में जींद की उचाणा सीट से विधायक चौटाला का कहना था कि सीबीआई ने जांच के दौरान कई दस्तावेज बरामद किए, लेकिन कुछ जरूरी दस्तावेज अदालत को नहीं सौंपे गए, जो सच का खुलासा कर सकते हैं.
चौटाला ने अदालत से सीबीआई को आदेश देने के लिए कहा था कि वह सभी जरूरी दस्तावेज अदालत में प्रस्तुत करे.
सीबीआई ने चौटाला की याचिका का यह कहकर विरोध किया कि यह सुनवाई की प्रक्रिया में विलंब करने के मकसद से दायर की गई है. उसने कहा कि सभी दस्तावेज अदालत के समक्ष प्रस्तुत किए गए हैं
Posted by राजबीर सिंह
at 2:43 am.