कालाधन कांग्रेस व भाजपा से जु़डे लोगों का : मायावती
उत्तर प्रदेश, क्षेत्रीय, ताजा खबरें 5:53 am
भोपाल। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्र्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती का कहना है कि कांग्रेस व भाजपा दोनों की ही मंशा विदेशों में जमा कालाधन वापस लाने की नहीं है।
ऎसा इसलिए क्योंकि इन दोनों दलों से जु़डे लोगों का धन विदेशी बैंकों में है। भोपाल के जम्बूरी मैदान में मध्य प्रदेश सहित छत्तीसगढ़, ओडिशा व राजस्थान के कार्यकर्ताओं के अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए मायावती ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के कार्यकाल में राष्ट्र्रमंडल खेल, 2-जी स्पेक्ट्रम तथा आदर्श सोसायटी घोटाले हुए हैं। इन मामलों में केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के दखल के बाद कार्रवाई की है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कालाधन वापस लाना नहीं चाहती है, यही कारण है कि उसकी ओर से पहल नहीं की जा रही है। इतना ही नहीं भाजपा भी कालाधन वापस लाना नहीं चाहती। तभी तो भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार केंद्र में छह साल तक रही और उसने कालाधन वापस लाने के लिए कुछ नहीं किया। मायावती का मानना है कि अगर विदेशों के बैंकों में जमा कालाधन वापस आ जाए तो देश में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले 50 फीसदी आबादी की गरीबी खत्म हो जाएगी।
केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना करते हुए मायावती ने कहा कि अब तक केंद्र में सत्ता में आई सरकारें पूंजीपतियों व धन्नासेठों के अनुरूप आर्थिक नीतियां बनाती है। ऎसा इसलिए क्योंकि पूंजीपति की मदद से ही इनकी सरकारें बनती हैं। बात साफ है जिसका नमक खाएंगे उसके लिए हलाल भी बनना प़डेगा। मायावती ने कहा कि वहीं ये योजनाएं गरीब विरोधी भी हैं। यही कारण है कि दलितों, पिछ़डों व धर्म के आधार पर अल्पसंख्यक समुदायों का आजादी के 63 वर्ष बाद भी सामाजिक व आर्थिक स्तर नहीं सुधर पाया है।
गरीब और गरीब हो गया है तथा अमीर और अमीर होता जा रहा है। परिणामस्वरूप इन वर्गो के लोग नक्सलवाद अथवा गलत रास्ते पर चले जाते है।
ऎसा इसलिए क्योंकि इन दोनों दलों से जु़डे लोगों का धन विदेशी बैंकों में है। भोपाल के जम्बूरी मैदान में मध्य प्रदेश सहित छत्तीसगढ़, ओडिशा व राजस्थान के कार्यकर्ताओं के अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए मायावती ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के कार्यकाल में राष्ट्र्रमंडल खेल, 2-जी स्पेक्ट्रम तथा आदर्श सोसायटी घोटाले हुए हैं। इन मामलों में केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के दखल के बाद कार्रवाई की है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कालाधन वापस लाना नहीं चाहती है, यही कारण है कि उसकी ओर से पहल नहीं की जा रही है। इतना ही नहीं भाजपा भी कालाधन वापस लाना नहीं चाहती। तभी तो भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार केंद्र में छह साल तक रही और उसने कालाधन वापस लाने के लिए कुछ नहीं किया। मायावती का मानना है कि अगर विदेशों के बैंकों में जमा कालाधन वापस आ जाए तो देश में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले 50 फीसदी आबादी की गरीबी खत्म हो जाएगी।
केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना करते हुए मायावती ने कहा कि अब तक केंद्र में सत्ता में आई सरकारें पूंजीपतियों व धन्नासेठों के अनुरूप आर्थिक नीतियां बनाती है। ऎसा इसलिए क्योंकि पूंजीपति की मदद से ही इनकी सरकारें बनती हैं। बात साफ है जिसका नमक खाएंगे उसके लिए हलाल भी बनना प़डेगा। मायावती ने कहा कि वहीं ये योजनाएं गरीब विरोधी भी हैं। यही कारण है कि दलितों, पिछ़डों व धर्म के आधार पर अल्पसंख्यक समुदायों का आजादी के 63 वर्ष बाद भी सामाजिक व आर्थिक स्तर नहीं सुधर पाया है।
गरीब और गरीब हो गया है तथा अमीर और अमीर होता जा रहा है। परिणामस्वरूप इन वर्गो के लोग नक्सलवाद अथवा गलत रास्ते पर चले जाते है।
Posted by राजबीर सिंह
at 5:53 am.