अगले फसल सत्र में कपास के निर्यात पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाएगा भारत
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वाणिज्य सचिव राहुल खुल्लर ने कहा, हां, अगले कपास सत्र में यह ओपन जनरल लाइसेंस (ओजीएल) के तहत होगा. कपास सत्र अक्तूबर से लेकर सितंबर महीने तक का होता है.
समझा जाता है कि पिछले दो दिनों में इस मसले की वित्त, वाणिज्य और कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ स्तर पर समीक्षा की गई है.
कपास परामर्शक बोर्ड (सीएबी) के अनुसार कपास की घरेलू खपत 2.64 करोड़ गांठों की है. इसके मुकाबले अगले सत्र में कपास का उत्पादन 3.55 करोड़ गांठ होने की उम्मीद है जो उत्पादन चालू सत्र में 3.25 करोड़ गांठों का हुआ था.
इस बढ़े हुए उत्पादन के कारण निर्यात के लिए जगह बनी हुई है.चालू सत्र के आरंभ में निर्यात को बाधित कर दिया गया था। बाद में 55 लाख गांठों की सीमा में 10 लाख गांठ की वृद्धि की गई थी.
कपास निर्यात पर रोक तब लगाई गई थी जब कपास की अधिक कीमत से घरेलू वस्त्र उद्योग के प्रभावित होने के कारण सरकार पर मामले में दखल देने का दबाव बढ़ गया था.
हालांकि, इस कदम की कृषि मंत्रालय ने आलोचना की थी. गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ साथ विभिन्न मुख्यमंत्रियों ने भी आलोचना की थी.अंतत: सरकार ने पिछले महीने निर्यात पर रोक समाप्त कर दी थी और ओजीएल के तहत कपास के निर्यात को रखा था.
मार्च के महीने में 64,000 रुपए प्रति कैंडी (350 किग्रा) की ऊंचाई को छूने के बाद जुलाई में कीमतें घटकर 31,000 रुपए प्रति कैंडी रह गई.
भारतीय कपड़ा उद्योग परिसंघ (सीआईटीआई) के अनुसार इसके बाद कीमतें 38,000 रुपए प्रति कैंडी पर स्थिर हो गई.