थोडा मुस्कुराइए ....

एक आदमी रात को एक गली के सामने ख़डा था।
""कौन हो ? "" वहां से गुजरते हुए चौकीदार ने क़डकककर पूछा।
""शेर सिंह।"" ""
बाप का नाम ? "" ""
शमशेर सिंह।"" ""
कहां रहते हो ?
"" ""शेरों वाली गली में।""
""यहां क्यों ख़डे हो ? ""
""कैसे जाऊं कुत्ता भौंक रहा है।""

एक बच्चाा तालाब में डूब रहा था। सभी देख रहे थे। किसी में हिम्मत न थी कि बच्चो को बचा लाए। तभी एक साहब ने छलांग लगा दी और बच्चो को बचा लिया। दर्शकों में से एक बोला - ब़डी हिम्मत की आपने ।
वह व्यक्ति बोला - हिम्मत की ऎसी-तैसी, पहले यह बताओ, मुझे धक्का किसने दिया था ?

बस में सफर कर रही एक ल़डकी ने एक हाथ में किताबें पक़ड रखी थीं तथा दूसरे हाथ में बस का डंडा था।
कण्डक्टर- टिकट ले लो।
लडकी-देखते नहीं, मेरे हाथ खाली नहीं है।
कण्डक्टर- एक चीज मुझे दे दो।
ल़डकी - तो पक़ड लो बस का डंडा।

Posted by राजबीर सिंह at 6:47 am.
 

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