लोकपाल समिति की बैठक समाप्त, 85 प्रतिशत मुद्दों पर सहमति
ताजा खबरें, देश-विदेश, राजनीति 4:10 am
नई दिल्ली। लोकपाल विधेयक मसौदा की प्रारूप समिति की आठवीं बैठक सकारात्मक रुख के साथ खत्म हुई प्रतीत होती है। केंद्रीय दूरसंचार व मानव संसाधान विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा है कि सरकार और सामाजिक संगठन के सदस्यों के बीच तकरीबन 80 से 85 प्रतिशत मुद्दों पर सहमति हो गई है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के बीच बिलकुल खुले माहौल में विचारों का आदान-प्रदान हुआ और विस्तृत पैमाने पर सहमति भी बनी।
उन्होंने कहा हालांकि कुछ विवादित मुद्दों पर अभी सहमति नहीं हो पाई है। दोनों पक्षों को लग रहा है कि हमें सर्वसम्मति की तरफ बढ़ना चाहिए। सिब्बल ने आगे कहा कि हम लोकपाल के मसौदे पर जुलाई माह अन्य राजनीतिक दलों से भी विचार-विमर्श करेंगे।
इस मामले में कल शाम 4.30 बजे फिर से बैठक होगी। सिब्बल ने कहा कि कल बैठक के बाद दोनों मसौदे अपने अंतिम प्रारूप को पहुंचेंगे और उसके बाद सर्वदलीय बैठक में दोनों मसौदे पेश किए जाएंगे, जहां पर चर्चा के बाद इस पर फैसला हो सकेगा। वहीं, सिविल सोसाइटी के प्रशांत भूषण ने कहा है कि पुराने मुद्दों पर मतभेद अब भी जारी है और उसके अलावा भी दो और मतभेद सामने आए हैं। पहला लोकपाल के चयन पर और दूसरा लोकपाल हटाने पर।
सरकार चुनाव लेक्शन कमिटी में राजनीतिक लोगों और सरकारी लोगों के होने की बात कह रही है। सरकार के मुताबिक लोकपाल के खिलाफ सिर्फ सरकार ही सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करे। आम लोग लोकपाल के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में कोई शिकायत नहीं कर सकें। हम चाहते हैं कि लोकपाल के खिलाफ कोई भी आदमी शिकायत कर सके, उसे फिर सर्वोच्च न्यायालय देखे, लेकिन सरकार चाहती है कि ये काम सिर्फ सरकार ही करे।
प्रशांत भूषण ने कहा कि कुछ मुद्दों पर सहमति हुई है, माहौल अच्छा था।
वहीं, अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज सरकार ने एक सूची दी है कि किन मुद्दों पर सहमति है और किन पर नहीं। सिलेक्शन कमिटी के चुनाव पर पहला मतभेद है। ऐसा लगता है कि लोकपाल के सिलेक्शन और उसे हटाने पर सरकार का ही नियंत्रण रहेगा।
इससे पहले, जाने-माने गांधीवादी अन्ना हजारे की अगुवाई में सामाजिक संगठनों के सदस्यों और सरकार के प्रतिनिधियों ने प्रस्तावित लोकपाल विधेयक पर व्यापक मतभेदों के बीच यहां सोमवार को बैठक की।
वकील एवं अन्ना हजारे की टीम के सदस्य प्रशांत भूषण ने बताया, "हम अपना मसौदा ले जा रहे हैं और सम्भवत: सरकार अपना मसौदा लाएगी। दो मसौदों पर चर्चा होगी और हमें उम्मीद है कि इस मामले में प्रगति होगी।"
मंगलवार को एक और बैठक होगी। उन्होंने कहा, "इन दो बैठकों में सर्वसम्मति तक पहुंचना मुश्किल होगा। हम जितना सम्भव हो सके कम करने की कोशिश करेंगे।"
इस समिति में सरकार और सामाजिक संगठनों के पांच-पांच सदस्य हैं। उच्च स्तरों पर भ्रष्टाचार से निपटने के लिए लोकपाल विधेयक का प्रारूप तैयार के वास्ते अप्रैल में इस समिति का गठन किया गया था।
शुरूआत के सौहार्द के बाद हाल के हफ्तों से दोनों पक्षों में प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाने के मसले सहित विभिन्न मामलों पर तकरार जारी है।
इस समिति में अन्ना हजारे और प्रशांत भूषण के अलावा शांति भूषण, संतोष हेगड़े और अरविंद केजरीवाल भी शामिल हैं।
सरकार के प्रतिनिधियों में केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी, केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम, विधि मंत्री वीरप्पा मोइली, केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद और मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल शामिल हैं।